ये है देशीकी नज़्म,
जहाँ
{ह्रदयके ग़ज़लें भड़कती हैं। भावों का सफ़र,
हमेशा जारी रहता है। उन्हें पढ़ना जरूरी है, इसके पीछे अपने रहस्य छिपा है।
मानव की कहानी,
संसार में
विशिष्ट परिभाषा पाती है।
जुबाँ पे शब्द, दिल से सपने
ज़िंदगी एक सफ़र है जहाँ असली दुनिया और ख्वाब का संगम होता है। हर पल हमारे शब्दों से ज़िंदगी को जीवंत बनाते हैं और दिल की इच्छाओं के साथ अनोखी कहानियाँ लिखते हैं।
- प्रेम की चाहत
- सच्चाई
हर जख्म ने बोला: अब तो बतलाओ
इस मौके पर मौन होना, एक गहरा दर्द तेरे दिल में जानता है. हर जख्म, हर निशान, हर मुश्किल पल, सब कुछ कह रहा है कि अब तो बात करो। यह नहीं रहा समय जब तुम खुले दिल से बोलो।
- एक जरूरत है
- तुम अकेला नहीं हो
- यह बोझ हल्का होगा
खामोशियों का अंत, ज़ुबान का उदय
धरती चुप रही थी, मौन की सीमा उसकी आत्मा में गहरी थी। लेकिन फिर एक दिन, कुछ अनजान हवाओं ने उसे जागाया। उठे उसका आँखें, और उसने जोर से बोला -- खामोशी का अंत आ गया! अब उसकी ज़ुबान, एक शक्तिशाली संगीत बनकर उभरी।
- उसने अपनी कहानियाँ कही, अपने दर्द और खुशी को पेश किया
- और धरती फिर से रोमांचित हो गई।
यहाँ तेरे सपनों की कहानी
जीवन एक प्रवास है, और हर हर क्षण में एक किस्सा छुपा है। कुछ यादें तो इतनी गहरी होती हैं कि वे हमारी आत्मा को छू लेती हैं, और कुछ किस्से तो सिर्फ़ एक पल की तरह आती हैं और फिर मर जाती हैं।
- तेरी यादों में बहती कहानी
- एक खास कहानी है
दिल की धड़कन, अब गीत बन गई
यह उसकी/उनकी/मेरी आत्मा/भावना/दिल की बातों का/गूंज/ध्वनि था जो पहले अनजान थी।
पर अब यह शांत/मौन/सुखद ग़ज़ल बन गई है, जो हर दिल में रंग/आग/हसरत लाती है। कभी-कभी/यहाँ तक कि/जैसे प्यार का/उम्मीद का/सपनों का नया जमाना है जो हर/प्रत्येक/उनके भावों में/मन में/इस्तेमाल में आता है।
यह ग़ज़ल हमें/आमिर/मैं को एक दूसरे से जोड़ती है, हमें सुनते/समझते/भरपाई करते है। यह एक/दूसरे का/नए धरती/जीवन/दुनिया का नया स्वर है जो अब/हर समय/हमेशा हमारी आत्माओं को खुश करता है/गाने पर मजबूर "बोल अनकहे" ("वो लफ्ज़ जो दिल में थे, अब ज़ुबां पर हैं…") बोल अनकहे, वो लफ़्ज़ जो दिल में थे, ज़ुबाँ पे आए, हर जख़्म ने हौले से कहा, अब तो कुछ बतलाए। खामोशियों की जुबान थी जो, वो आज ग़ज़ल बन गई, तेरी यादों ने जब छुआ, तो हर बात सवाल बन गई। करता है/मौन छोड़ता है।